Thursday, April 23, 2009

अपनी यादों में .............रखना


अपने दिल को दिल का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।

उड़ना हवा में खुल कर लेकिन तुम,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।

छाव में माना मिलता है सुकून बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।

उम्रभर तो साथ रिश्ते भी नहीं रहते,
यादों में किसी को सजा कर रखना ।

वक्त के साथ चलते-चलते, खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।

रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।

तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का पता कर रखना ।

हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
ज़ख्मों को अपनो से बता कर रखना ।

दर्द कभी भी आखरी नहीं होता ,
अपनी आँखों में अश्को को बचा कर रखना ।

सूरज तो रोज ही आता है मगर ,
अपने दिल में दीप जला कर रखना

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